PM Modi Speech in Ghana Parliament

पीएम मोदी का घाना में मास्टरस्ट्रोक: भारत-घाना साझेदारी से चीन को चुनौती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा के पहले चरण में पश्चिम अफ्रीकी देश घाना का दौरा किया। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही, क्योंकि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशक में यह पहली घाना यात्रा थी। घाना की राजधानी अक्रा पहुंचने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

रेयर अर्थ मिनरल्स पर बड़ा समझौता

इस यात्रा का सबसे बड़ा और रणनीतिक परिणाम रेयर अर्थ मिनरल्स की माइनिंग को लेकर हुआ समझौता रहा। रेयर अर्थ मिनरल्स वे दुर्लभ खनिज होते हैं जो मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सोलर पैनल्स और आधुनिक रक्षा उपकरणों में अनिवार्य होते हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में चीन का लगभग 90% वैश्विक नियंत्रण है, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। भारत और घाना का यह समझौता चीन के इस प्रभुत्व को सीधी चुनौती देता है और भारत के लिए एक वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करता है।

द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य

पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा ने अगले पांच वर्षों में भारत-घाना द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का संकल्प लिया। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इस दिशा में चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें माइनिंग, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्र प्रमुख हैं।

PM नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भाषण देते हुए, भारत की विदेश नीति पर फोकस

पीएम मोदी का संसद में ऐतिहासिक संबोधन

पीएम मोदी को घाना की संसद को संबोधित करने का विशेष निमंत्रण मिला। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “मैं अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे इस प्रतिष्ठित सदन में बोलने का अवसर मिला। भारत और घाना की मित्रता आपके प्रसिद्ध ‘Sugar Loaf Pineapple’ से भी अधिक मीठी है।” उन्होंने कहा कि घाना लोकतंत्र, सहिष्णुता और विकास का प्रतीक है, जिसने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने घाना को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर से 1.4 अरब नागरिकों की शुभकामनाएं दीं।

भारत-घाना रणनीतिक साझेदारी का महत्व

यह यात्रा भारत की अफ्रीका नीति को नई दिशा देने का प्रतीक है। भारत, अफ्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन बनाना चाहता है और घाना इसके लिए एक आदर्श साझेदार साबित हो सकता है। भारत न केवल घाना के खनिज संसाधनों में निवेश करेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्रों में भी अपनी विशेषज्ञता साझा करेगा। इससे घाना की आर्थिक प्रगति तेज होगी और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती मिलेगी।

वैश्विक रणनीति में भारत की बड़ी चाल

रेयर अर्थ मिनरल्स के क्षेत्र में यह कदम भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। अभी तक चीन की इस पर पकड़ ने दुनिया की तकनीकी और रक्षा तैयारियों को सीमित कर रखा था। भारत यदि अफ्रीका में इन खनिजों के खनन में सफल होता है, तो इससे न केवल भारत की ऊर्जा और तकनीकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक बाजारों में भारत एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।

निष्कर्ष

पीएम मोदी की घाना यात्रा केवल एक कूटनीतिक दौरा नहीं, बल्कि भारत की दीर्घकालिक वैश्विक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साझेदारी भारत के आर्थिक, सामरिक और भू-राजनीतिक हितों को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top